कोरोना संदिग्ध की जांच में हीलाहवाली के दौरान ही मौत, बीएचयू से जिला और मंडलीय अस्पताल दौड़ते रहे परिजन
वाराणसी में कोरोना संदिग्ध मानकर रेफर कर देने और जांच में हीलाहवाली की प्रक्रिया के बीच एक व्यक्ति की मौत हो गयी। इससे प्रशासनिक अमले में खलबली मची है। शिवपुर निवासी 45 साल के व्यक्ति को तेज बुखार के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसके 75 साल के वृद्ध पिता शनिवार को बीएचयू लेकर पहुंचे। वहां उसे कोरोना संदिग्ध मानकर पांडेयपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल भेज दिया गया। वहां से डॉक्टरों ने बिना जांच किये मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया। रात में हालत बिगड़ने पर परिजन निजी अस्पताल पहुंचे। वहां देर रात उसने दम तोड़ दिया। घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी परिजनों की जांच नहीं कराई गई है।
जांच नहीं होने से मरीज को देखने वाले चिकित्सक और कर्मचारी 48 घंटे से दहशत में जी रहे हैं। उनका कहना है कि बीएचयू ने जिला अस्पताल को जांच करने को कहा था तो उन्होंने उसका सैम्पल क्योँ नहीं लिया। कर्मचारियों ने कहा कि अगर मरीज की जान कोविड-19 से हुई होगी तो हम सब कितने बड़े खतरे में हैं। जांच हो गई होती तो संदेह मिट जाता।
वहीं सीएमओ डॉक्टर बीबी सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में है। मृतक के परिजनों की जांच जल्द से जल्द कराई जाएगी। जिला अस्पताल की लापरवाही की जांच कराकर कठोर कार्रवाई करेंगे।
बूढ़े माता-पिता के साथ बच्चों पर आफत
सबसे बड़ी चिंता मृतक के 75 वर्षीय पिता, 70 वर्षीय माता, 15 साल की बेटी और 12 साल के बेटे की है। परिजन भी खतरे में आ सकते हैं। जांच कराने से विभाग ने क्योँ परहेज किया समझ से परे है।